काले, नीले, भूरे, हरे, नारंगी, लाल, पीले और बैंगनी रंगों में उपलब्ध, इन एसिड रंगों का उपयोग ज्यादातर फाइबर और टेक्सटाइल को डाई करने के लिए किया जाता है। इन रंगों को इसकी हल्की अम्लीय प्रकृति के कारण एसिड डाई कहा जाता है। ये पानी में घुल जाते हैं, ताकि रंगाई के लिए इसमें डाली गई सामग्री के साथ आपस में मिल सकें और आपस में मिल सकें। अम्लीय आणविक समूहों से मिलकर बनी इस डाई का उपयोग साबुन, डिटर्जेंट और अन्य सफाई उत्पादों में भी किया जाता है, क्योंकि इसमें दाग लगने की प्रवृत्ति कम होती है। इस तरह की डाई आम तौर पर तीन अलग-अलग वर्गों में बनाई जाती है, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इस डाई को विशेषज्ञों द्वारा रासायनिक रूप से घर में बनाया जाता है और पाउडर के रूप में बेचा जाता है, जिसे डाई बाथ सॉल्यूशन बनाने के लिए पानी में आसानी से घोला जा सकता है। साथ ही, यह डाई आयनिक के साथ-साथ हाइड्रोजन बॉन्डिंग भी बना सकती है।
मुख्य बिंदु:
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PARSHWANATH DYESTUFF INDUSTRIES
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